वर्तमान में सभ्यता एक और सांस्कृतिक उथल-पुथल के लिए तैयार है। विज्ञान में हाल के संशोधन चार त्रुटिपूर्ण "सत्य" को गहराई से संशोधित कर रहे हैं जिन पर हमारी संस्कृति का निर्माण हुआ है। मैं इन पुरानी मान्यताओं का उल्लेख करता हूं सर्वनाश के चार मिथक-धारणाएं, गलत धारणाएं जो हमारी सभ्यता के अंत में योगदान दे रही हैं (अधिक "सहज विकास" में है)।
मिथक-धारणा १ - जीव विज्ञान पदार्थ आधारित न्यूटनियन यांत्रिकी द्वारा नियंत्रित होता है [संशोधन- जीव विज्ञान अदृश्य क्वांटम यांत्रिक बलों द्वारा नियंत्रित होता है]
मिथक-धारणा २ - जीन जीवन को नियंत्रित करते हैं [संशोधन- एपिजेनेटिक्स के नए विज्ञान से पता चलता है कि पर्यावरण जीन को नियंत्रित करता है]
मिथक-धारणा 3 - "सर्वाइवल ऑफ़ द फिटेस्ट" विकास को गति देता है [संशोधन- सहयोग विकास को गति देता है]
मिथक-धारणा 4 - विकास एक यादृच्छिक प्रक्रिया है [संशोधन- जीव पर्यावरण के अनुरूप विकसित होते हैं]
जब ये मौलिक रूप से नई वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि हमारे वर्तमान सीमित सांस्कृतिक मिथकों को प्रतिस्थापित करती है, तो हमारी वर्तमान सभ्यता की राख मानव फीनिक्स के एक और शानदार संस्करण को जन्म देगी।
पिछली पोस्ट का संदर्भ लें: क्या मानव सभ्यता फीनिक्स के भाग्य से मिलती जुलती है?